परिचय

लेखक परिचय 

विषय
यह ब्लॉग नील मगन
उपयुक्त नामकरण मैने अपने माता पिता के नाम पर किया है, उनसे मेरे जीवन का एक-एक भाग प्रभावित है, मैं उनके प्यार दुलार को उनके जाने के कई समय पश्चात भी भुला नहीं सकूंगी, अतेएव यह नाम।
वस्तुत या ब्लॉग हिंदी के लिए है, यह मेरे जीवन से जुड़ी हो सकती है या देश-देशांतर के विषय में इस ब्लॉग का उद्देश्य हिंदी भाषा में प्रचार का प्रयास है। HomeMakerWithPen, का मतलब क्या है, एक आम गृहणी का जीवन उसके विचार या विचार प्रक्रियाएँ, जब यह अन्य घरेलू कार्य के अतिरिक्त यह कौन-कौन से कार्य अंगीकार कर सकती है, जब वह एक कलम के साथ होती है, अपने स्वयं के समय मे अपने लेखन कला का कैसा प्रदर्शन कर सकती हैं, आदि। वस्तुत यह मेरे स्वयं के विचार हैं।
यह एक विचार की एक कोठरी है, जब भी मैं लिखना चाहू इसे पहले पहल सहेज कर रख सकू फिर लिख कर विचार व्यक्त करूं ।
लेखक की कलम से:-
मैं मूलतः छत्तीसगढ़ राज्य से हूं, मेरा जन्म राजनांदगांव, छत्तीसगढ़, में हुआ है, मेरे पिताजी केंद्रीय आबकारी विभाग में सुपरिंटेंडेंट थे, अतः उनका स्थानांतरण समय-समय पर होता था, अलग-अलग जगह से वह हमारे लिए अपने कार्य अनुभव ले कर आते थे, मैं उनसे सदैव प्रभावित रहीं हूँ, मेरी माताजी गृहणी है, उनका प्रभाव सदैव बच्चों में संस्कार का प्रादुर्भाव कराना रहा है, ऐसी ही ओत-प्रोत भावनाओं से सम्बद्ध यह ब्लॉग है। 

कैरियर के शुरुआती चरण में मैं विज्ञान की छात्रा रही हूँ, पश्चात मैंने विधि के विषय का चयन किया, तदुपरांत नुझे १९ वर्षो का दीर्घ अध्यापन अनुभव है, पढ़ के शेयर और सब्सक्राइब अवश्य करे।


From my facebook wall:-
Year 𝟚𝟘𝟚𝟘:-
19 मार्च, 2020- यह सूची इस प्रकार है: यह मेरा आखिरी कार्य दिवस था, इस वर्ष 20 को कर्मा जयंती थी, 21 को मेरे लिए ऐच्छिक अवकाश था, तब से मैं घर पर ही हूं, 19 मार्च को ही पहला केस सामने आया था corona का, यह पहला मामला था जो रायपुर में पकड़ा गया, दैनिक कार्य रोक दिए गए, मेरे लिए यह एक आकस्मिक था इसकी संक्षिप्त जानकारी यही थी, की काम में बाहर नहीं जाना है, मैंने सोचा था कि यह एक सरल उपाय है और यह अपने आप ही ठीक हो जाएगा!
22 मार्च को 𝔍𝔞𝔫𝔱𝔞 𝕮𝔲𝔯𝔣𝔢𝔴 था, पूरे दिन का अंतराल, जो की खनकती और गूंजती वस्तुओं के साथ समाप्त हुआ था। याद होगा की सभी आम जन छतों में चढ़ कर घंटियां और अन्य लौह उपकरणों से ध्वनि उत्पन्न कर रहे थे, हालांकि इसका उद्देश्य स्वास्थ्य कर्मियों का उत्साह बढ़ाने के लिए था, आस पास के निवासियों ने उस दिन पटाखे भी छुड़ाए।
  एक दिवस बाद केंद्र सरकार ने 40 दिनों का लॉकडाउन लागू किया, वह भी बढ़ते मामलों के साथ, दिमाग के नखरे अपने चरम पर थे,  इसने मेरी जिम्मेदारियों में काम जोड़ दिया, इसने हमारी दैनिक कार्यों को सहायता हेतु सहायिका इस डर से घर से दूर कर दिया, इसे शिकायत पत्र के रूप में न लें, यह धीरे-धीरे आधार बनने के लिए सबसे मजबूत बिंदु बनकर उभरा अपने दैनिक ब्लॉगों के लिए, मुझे लगता है कि कुछ काम करने से मैं इसके साथ और इससे संबंधित अन्य अनुभवों के साथ विकसित हो जाऊंगी, लेकिन, इस तरह की रुचि या गुणवत्ता की कमी मेरी उम्र को समय की दया पर छोड़ रही है और फिर यह मुझे कुछ नहीं सिखाती है, नए और आने वाले दिनों में अपना कार्यस्थल मैं यह देखूंगी की यह मेरे फ़ोन में ही है। रुचि आधारित खाना पकाना, सिलाई करना, अपना उपकरण खुद चलाना, या चेहरे पर 🎭  mask लगा कर कहीं जाना, यह सब घर की नियमित आदतों के रूप में विकसित हुआ, लोग अपने आप सीखते हैं, और जब खतरा इतना आसन्न होता है तो वे अपनी सबसे महत्वपूर्ण इच्छाओं को भी छोड़ सकते हैं!

𝘚𝘵𝘢𝘳𝘵𝘦𝘥 𝘖𝘯 19𝘵𝘩 𝘑𝘶𝘭𝘺-
इस ब्लॉग के लिए, यहां चार महीने की देरी का कोई मूल्य नहीं है, यदि पाठकों की प्रतिक्रिया स्वागतयोग्य है, तो यह सब व्यर्थ हो जाता है यदि पाठकों को ऐसे "कागज़ कलम की मित्रता" की आवश्यकता नहीं है। बहरहाल मैं सहयोग करने वालों और अनुयायियों को प्रोत्साहित करने वाले सभी के प्रति आभारी हूं , केवल कुछ लेख मेरे मन की बात नहीं दिखाएंगे, मेरा हार्दिक अनुरोध है कि इस पृष्ठ पर हमेशा अपनी उपस्थिति का योगदान दें, यदि आप पूछते हैं कि इतना गतिशील विवरण क्यों आवश्यक है?, तो मैं यह सुझाव देती हूं, कि उस स्थान को न छोड़ें जहां आपसे मांग की जाती है।
कुछ अनुभव से लेकर मेरे अपने शब्दों/कार्यों तक, इसमें मेरे गृहनगर या राज्य, या मेरे राष्ट्र के कई त्योहार और विशिष्टताएँ शामिल हैं। चाहे वह मेरी मातृभाषा हो या मैकाले की पद्धति का वाचन:
  ...𝕴'𝖒 𝖑𝖊𝖆𝖗𝖓𝖎𝖓𝖌......
हाल ही में मैंने हिंदी में उद्धरण, चिंतन, तुकबंदी लिखना शुरू किया है, मैं उन साहित्यिक कार्यों को अपने सोशल मीडिया खातों में साझा करती हूं।
29 सितंबर, 2023
मुझे आज लिखते तीन वर्ष , दो माह दस दिवस बीत चुके है पर मैंने लिखना नहीं छोड़ा।
।।धन्यवाद।।


टिप्पणियाँ