Like और Un-like
"टिंग"
फ़ेसबुक में आई एक सूचना।
देखा तो मित्र अनुग्रह हेतु थी।
ऊपर से नीचे जांच पड़ताल करके
मैंने एक्सेप्ट कर लिया लिखा था 22 म्यूच्यूअल फ्रेंड्स, कुछ और रिक्वेस्ट ऐसी ही एक्सेप्ट कर लिया, मेरी बेटी ने सलाह दी "आप इनको अपने पेज के लिए इनविटेशन भी भेज दीजिये", मैंने कहा "हम्म", "ठीक है",
थोड़ी देर की टिक टिक टिक के बाद मैंने सभी को इनवाइट भेज दिया, और आंख आप, नए नोटिफिकेशन के इन्तेजार में गड़ गई, कब आवाज आये "टिंग", और एक मेंबर बढ़ जाये, बहुत समय बाद झुंझला कर, मैंने मोबाइल ही ऑफ दिया। कुछ समय बाद ध्यान वैसे ही हट गया, एक दिन और बीता, पेज में मेंबर्स की बढ़त ही नहीं हुई, खुद पर गुस्सा आया, "भेजा ही क्यों।"
गुस्से में खुद को आये invites को dismiss किया और कुछ और pages को Unlike, फिर क्या कहूं, अब असामान्य कोलाहल भी कलरव लग रहा था।
सीख:- virtual दुनिया आज के समय में हम पर हावी होते जा रही है, जो कई बार अनामंत्रित तनाव का कारण भी बन जाती हैं। इससे बचना और अतिमहत्वाकांक्षी न होना ही सही हैं।आभासी दुनिया के मित्र वास्तविक न होते हुए भी, वास्तविक दुनिया पर प्रभावी हो गये है।
और यह भी की युवा पीढ़ी में यह depression जैसी मनोरोग की सूची बढ़ाते जा रही है।
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