कहानी कैसे लिखे, how to write story

कहानी क्या है? What is a story?

कहानी का मतलब अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग हो सकता है। कुछ लोग कहानी को एक मनोरंजक या शिक्षाप्रद रूप में मानते हैं, जो कि किसी व्यक्ति, स्थान, घटना, समय या समस्या के बारे में होती है। कुछ लोग कहानी को एक कलात्मक या साहित्यिक प्रयास मानते हैं, जो कि किसी लेखक की कल्पना, भावना, संदेश, शैली या दृष्टिकोण को प्रकट करती है।

कहानी के कई प्रकार हो सकते हैं, जैसे - लघुकथा, निबंध, कहानी, नाटक, काव्य, प्रेरक, रहस्य, रोमांस, साइंस-फिक्शन, परी-कथा आदि।

"मुझे कहानियां लिखना पसंद है, क्योंकि मुझे अपनी रचनात्मकता और कल्पनाशीलता का प्रयोग करने में मजा आता है। मुझे आपके साथ कहानी साझा करने में ख़ुशी होती है।"


कहानी कैसे लिखे? How to write story 

जानिए कैसे लिखे एक कहानी।
पाठकों आपने आज तक विभिन्न साहित्यकारों की विभिन्न रचनाएं पढ़ी है, आज अपने अनुभव से मैं इस पोस्ट में यह बताना चाहती हूं की एक कहानी के मुख्य घटक क्या है और किस प्रकार से एक कहानी की रचना की जानी चाहिए।
कहानी गढ़ना एक कला है, और पाठक को उससे बंधे रखना, उस कला का पृष्ठभाग, कहानी में इन तत्वों का ध्यान रखने से यह अच्छा अभिप्राय ले कर बनेगी, मेरे पास कुछ सुझाव हैं, जो मुझे उम्मीद है कि आपको मदद करेंगे:

• पहला सुझाव है कि आपकी कहानी में समानता (coherence) होना चाहिए, मतलब, आपकी कहानी में कुछ संतुलन (balance) होना चाहिए, जिससे पाठकों को प्रत्येक पल में रुचि (interest) बनी रहे।

• समानता (coherence) का मतलब है कि प्रस्तुति (presentation), संरचना (structure) और संलग्नता (connectivity) का सम्बन्ध होना चाहिए।

• प्रस्तुति (presentation) का मतलब है कि प्रसंग (context), परिप्रेक्ष्य (background) और महत्व (significance) को स्पष्ट करना।

• संरचना (structure) का मतलब है कि प्रस्थापना (introduction), मुख्य-कहानी (main-story) और समापन (conclusion) को समुचित क्रम (sequence) में प्रस्तुत करना।

• संलग्नता (connectivity) का मतलब है कि प्रत्येक-पल (each-moment), प्रत्येक-किरदार (each-character) और प्रत्येक-मोड़ (each-turn) को लोगिक (logic), समंजस्य (consistency) और प्रसंगिकता (relevance) से लिंक (link) करना।

•दूसरा सुझाव है कि आपकी कहानी में महत्वपूर्ण-संकेत (important-clues) को छिपाना (hide) या बताना (reveal) का समय (timing) और तरीका (method) सही होना चाहिए।

• महत्वपूर्ण-संकेत (important-clues) जैसे घटक (elements) जो कहानी को प्रेरित (drive), प्रभावित (affect) या परिवर्तित (transform) करते हैं, उनका निश्चयाक होना आवश्यक है।

• छिपाना (hide) का मतलब है कि प्रत्येक-संकेत (each-clue) को अनुकूल-स्थान (suitable-place), अनुकूल-समय (suitable-time) और अनुकूल-रीति (suitable-way) में सम्मिलित (integrate) करना, जिससे पाठकों को उत्सुकता (curiosity), संदेह (doubt) और आकुलता (anxiety) महसूस हो।

• बताना (reveal) का मतलब है कि प्रत्येक-संकेत (each-clue) को प्रभावी-स्थान (effective-place), प्रभावी-समय (effective-time) और प्रभावी-रीति (effective-way) में प्रकाशित (expose) करना, जिससे पाठकों को हैरत (surprise), मनोरंजन (entertainment) और संतोष (satisfaction) महसूस हो।

• मेरा तीसरा सुझाव है कि आपकी कहानी में मुख्य-मुद्दे (main-issue), मुख्य-प्रश्न (main-question) और मुख्य-संदेश (main-message) को स्पष्ट, सार्थक और समाधानात्मक बनाने की कोशिश करें।

• मुख्य-मुद्दे (main-issue) का मतलब है कि आपकी कहानी में कौन सी समस्या, संकट, संघर्ष, पहेली, चुनौती या प्रतिकूलता है, जिसे प्रमुख किरदारों को सामना करना पड़ता हैं।
उम्मीद है की आपको आज का पोस्ट अच्छा लगा होगा की एक कहानी की रचना कैसे की जानी चाहिए।
आज के लिए इतना ही मिलते है एक नए पोस्ट में।

पढ़ने के लिए धन्यवाद🙏
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- सीमा शर्मा 

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