मित्र- The Friendship rules

हितोपदेश से

प्री- प्राइमरी और प्राइमरी स्कूल के  कट्टी और खी, मी, ठेंगा के बाद,
फिल्मी ज्ञान से यदि सिर्फ यह जानते हैं कि "दोस्ती में नो थैंक यू, नो सॉरी", तब फिर आज इसे भी जानिए:-



  • मित्रता केवल उन लोगो के साथ होती है जो अपने समान विचारधारा के हो।friendship should be carried with persons equipped of similar ideology.
  • जो मीठी-मीठी बातें करने वाले हैं, पीठ के पीछे बुराई करते है, ऐसे मित्रों को त्याग देना चाहिए।Friends who induldges  in alluring and do back biting should never be befriended with.
  • चुगलखोर मित्र, मांगने वाला, निष्ठुरता, चित्त की चंचलता, क्रोध, झूठ, और जुआ, यह सब मित्र के दोष होते है, ऐसे मित्र से सदा दूर रहना चाहिए।A friend who is sycophant, seeker/beggar, ruthless, fickle minded, anger/furiousness, falsification and gambling these are their faults, one should be far away from such persons.
  • शत्रु गुणवान हो तो मूर्ख मित्र से भी अच्छा होता हैं।An intelligent enemy is better than a foolish friend.
  • मित्र यह दो अक्षर का शब्द है, जो शोक, शत्रु, भय से बचाता है, प्रेम, विश्वास का प्रतीक है, जो इन दो आंखों को सुख देने वाला अटूट सम्बन्ध है।This six letter word is saviour from grief, enemies and dismay, he symbolises affection and rapport, he is such soothing to eyes which are unbreakable relations


स्वार्थी मित्र तो हर स्थान पर मिल जाएंगे, लेकिन सच्चे मित्र कठिनाई से मिलते हैं और उनकी परख मुसीबत में होती हैं। Selfish friends are in every place, but true freind meets with difficulty and there truest sense are seen in adversity.

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